देवनगरी के देवदर्शन "श्री हनुमानजी का मंदिर , वराडा "



देवनगरी के देवदर्शन "श्री हनुमानजी का मंदिर , वराडा "

ये मंदिर सिरोही का प्रवेश द्वार है   और जालोर - सिरोही की सीमा पर बना हुआ  हि । श्री हनुमानजी का मंदिर जितना चमत्कारी है उतना ही रोचक इस मंदिर का इतिहास  है ।

इस मंदिर की खूबसूरती यहाँ का विशाल ओरण ( 2380 बीघा का ) , महावीर मुद्रा में विराजमान श्री हनुमानजी , श्री सुंधामाता जी , श्री वीर भगवानजी , श्री राम दरबार , श्री शनिदेवजी का मंदिर , परिक्रमा मार्ग पर श्री रामचरित मानस की मुख्य घटनाओं  की बनी चित्रकारी , विशाल क्षेत्र मे बनी धर्मशाला , भोजनशाला  और गौशाला के अलावा परिसर में बनाया गया श्री क्वारीकन्या का मंदिर यहाँ के गौरवशाली इतिहास की याद दिलाता है ।

मंदिर के व्यवस्थापक श्री बसंत भाई पुरोहित ने बताया कि सदियों पहले इस ओरण के स्थान पर एक नगर था जिसके मध्य मे श्री हनुमानजी विराजमान थे । पास मे एक विशाल  " मालप " तालाब  था जो पीने के पानी का मुख्य स्रोत था ।

कहते हैं एकबार अलाउद्दीन खिलजी अपनी फौज के साथ गुजरात जा रहा था लेकिन तालाब के पानी को देखकर उसने यहाँ फौज के सहित विश्राम किया । दूसरे दिन जब अलाउद्दीन खिलजी गाँव मे भ्रमण करने निकला तो उसने एक ब्राह्मण कन्या को देखा जो रुपवान और सौंदर्यवान थी ।

अलाउद्दीन खिलजी ने कहा कि वह इस कन्या से शादी करना चाहता हैं । उस वक्त यहाँ सिर्फ ब्राह्मण परिवार रहते थे ।

कहते हैं ब्राह्मणों   ने सोचने के लिए कुछ समय मांगा । जब अलाउद्दीन खिलजी गुजरात से लौटकर आया तो ब्राह्मणों ने रणनीति के तहत महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित स्थानो पर भेज दिया और फिर अलाउद्दीन खिलजी से ब्राह्मण कन्या के विवाह के बजाय युद्ध को चुना ।

उन युद्ध मे अनगिनत ब्राह्मणों ने बलिदान दिया तो मुगलों की सेना का भी भारी नुकसान  हुआ और फिर कहते हैं अलाउद्दीन खिलजी ने पूरे गाँव को आग के हवाले कर दिया ।

यहाँ से अहमदाबाद के खडिया इलाके में भी इन ब्राह्मणों के बसने का भी इतिहास है ।

देवनगरी के देवदर्शन पार्ट  - 68  " श्री हनुमानजी मंदिर , वराडा " को  आप इस वीडियो मे अवश्य देखिए और  Like ,Share और Subscribe भी करें

राजेन्द्र सिंह नरुका  ' आनंद '  " Sirohi Temples "

https://youtu.be/bit9ltYOuko

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